Monday, June 10, 2024

बाल कहानी

    हार जीत 


कवीश रुको, कवीश..।

कबीर ने पीछे से कई आवाज़ लगाईं, लेकिन कवीश ना रुका, वह पैर पटकते हुए घर की तरफ सरपट दौड़ गया। 

घर में घुसते ही बैट को एक तरफ पटक कर मुंह फुलाकर धम्म से सोफे में धंस गया ।

क्या हुआ बेटा? रत्ना ने स्नेह से उसके सिर पर हाथ फिराते हुए पूछा 

"कुछ नहीं "। कवीश ने तुनककर अपने सिर से रतना का हाथ अपने सिर से हटा दिया और आग-बबुला होते हुए बोला 

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