दिल कहता है , लिख एक कहानी
जिसमे हो परिया, फूल, झरने
और साथ हो प्यारी मेरी नानी
Wednesday, May 5, 2010
Sunday, February 21, 2010
Wednesday, February 10, 2010
मै तो तेरी अपनी थी माँ
मै तो तेरी अपनी थी माँ , कुछ सांस मुझे तू लेने देती , कोख तेरी घर था मेरा कुछ देर मुझे सवारने देती .
Tuesday, February 9, 2010
Tuesday, February 2, 2010
Ek phool khila jau
मरने से पहले जग में कुछ ऐसा कर जाऊ,
याद करे दुनिया मुझको, एक दीप जला जाऊ,
होंटों पर खिला दूँ मैं मुस्कान, बगियाँ में खिला दूँ
कुछ फूल जग को खुशबुओं की सौगात मैं दे जाऊं...
यह कविता शुभ तारिका के दिसम्बर २००९ (मध्य प्रदेश) के अंक में छापी गयी है... पूरी कविता पढ़ें ॥ आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतज़ार रहेगा...
याद करे दुनिया मुझको, एक दीप जला जाऊ,
होंटों पर खिला दूँ मैं मुस्कान, बगियाँ में खिला दूँ
कुछ फूल जग को खुशबुओं की सौगात मैं दे जाऊं...
यह कविता शुभ तारिका के दिसम्बर २००९ (मध्य प्रदेश) के अंक में छापी गयी है... पूरी कविता पढ़ें ॥ आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतज़ार रहेगा...
Wednesday, January 20, 2010
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